अखण्ड-ज्योति की प्रकाश प्रेरणा से अनेकों महत्वपूर्ण और दर्शनीय सेवा संस्थाओं की निर्धारण हुआ है। वे अपने-अपने प्रयोजन को आशातीत सफलता के साथ सम्पन्न कर रहे हैं। उनमें से मथुरा में विनिर्मित गायत्री तपोभूमि युग निर्माण योजना से प्रज्ञा परिवार का हर सदस्य परिचित है। आचार्य जी की जन्मभूमि में स्थित शक्तिपीठ से जुड़े लड़कों के इण्टरमीडिएट कालेज लड़कियों के इण्टर महाविद्यालय तो अधिकाँश ने देखे है। इसके अतिरिक्त देश के कोने-कोने में विनिर्मित चौबीस सौ प्रज्ञा संस्थानों की गणना होती है। इन सभी को दूसरे शब्दों में “चेतना विस्तार केन्द्र” कहना चाहिए। इन सभी में प्रधानतया जन-मानस के परिष्कार को प्रशिक्षण ही अपनी-अपनी सुविधा और शैली से अनुशासन में बद्ध रहकर चलता है।
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