तुमलोग संसार में हो तो क्या, उसमे दोष नहीं। फिर भी ईश्वर में मन रखना और यह जानना कि यह सारा घर परिवार मेरा नहीं, यह सब ईश्वर का है। मेरा घर ईश्वर के पास है। और कहता हूँ कि उनके पादपदमों में भक्ति के लिए उनसे व्याकुल होकर सर्वदा प्रार्थना करना।
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